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जनसंख्या एवं नगरीकरण (population and urbanisation)

 सामान्य परिचय (General Introduction )
किसी निश्चित क्षेत्र एवं समय में निवास करने वाले मानवों की
कुल संख्या को 'जनसंख्या' कहते हैं।
जनसंख्या की दृष्टि से भारत विश्व में दूसरे स्थान पर है,
जबकि
चीन प्रथम स्थान पर है। जनसंख्या का निर्धारण जनगणना के माध्यम
से किया जाता है।
आधुनिक पद्धति एवं व्यवस्थित ढंग से सर्वप्रथम जनगणना 1749
में 'स्वीडन' में हुई थी। 1790 में सर्वप्रथम दशकीय जनगणना का
कार्य 'अमेरिका' में हुआ था।
भारत में सर्वप्रथम जनगणना 1872 में 'लॉर्ड मेयो' के कार्यकाल में
हुई थी। 1881 में 'लॉर्ड रिपन' के कार्यकाल से इसे प्रत्येक दस वर्ष
के अंतराल पर कराया जाने लगा जो आज भी जारी है।
भारत में 1911-1921 के दशक में जनसंख्या की वृद्धि दर न्यूनतम
रही थी इसलिये वर्ष 1921 'महाविभाजक वर्ष' (Great Divide
Year) कहलाता है।
भारत में वर्ष 1872 के बाद वर्ष 2011 की जनगणना, जनगणना
क्रम की 15वीं जनगणना है जबकि स्वतंत्र भारत की यह 7 वीं
जनगणना है।
जनगणना आर्थिक गतिविधि, साक्षरता व शिक्षा आवास और घरेलू
सुख-सुविधाओं, शहरीकरण, जन्म दर और मृत्यु दर, अनुसूचित
जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों, भाषा, धर्म, पलायन,
तथा अन्य सामाजिक-सांस्कृतिक और जनांकिकी संबंधी आँकड़ों के
बारे में सांख्यिकी एकत्रित करने का सबसे विश्वसनीय स्रोत है।
विकलांगता
* देश की जनगणना का दायित्व भारतीय संविधान के अनुच्छेद 246
के अनुसार भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन महापंजीयन
कार्यालय और जनगणना आयुक्त का होता है । देश के सभी राज्यों
और केंद्रशासित प्रदेशों में फील्ड अधिकारी होते हैं। इन फील्ड
अधिकारियों के प्रधान 'जनगणना कार्य निदेशक' होते हैं जो
अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में जनगणना कराते हैं।
जनगणना-2011 का कार्य दो चरणों में पूरा किया गया। पहले चरण
में आवास के बारे में जानकारी को शामिल किया गया। इसमें मकान
के इस्तेमाल, लोगों को उपलब्ध सुविधाएँ और उनकी संपत्ति के बारे
में जानकारी एकत्र की गई। दूसरे चरण में जनसंख्या की गिनती का
कार्य देशभर में किया गया इसे 'जनसंख्या गणना' नाम दिया गया।
2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या लगभग
121.09 करोड़ है, जिसमें पुरुषों की संख्या 51.47 प्रतिशत तथा
महिलाओं की संख्या 48.53 प्रतिशत है।
भारत में सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य सिक्किम एवं कंद्रशासित
प्रदेश लक्षद्वीप है।
जनसंख्या की दृष्टि से राज्यों का क्रम ( घटते क्रम में )-
उत्तर प्रदेश > महाराष्ट्र > बिहार
॥ जनसंख्या की दृष्टि से केंद्रशासित प्रदेशों का क्रम (घटते
क्रम में)- दिल्ली > पुदुच्चेरी > चंडीगढ़
सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाले राज्यों का क्रम ( घटते
क्रम में)- मेघालय (27.9 प्रतिशत) > अरुणाचल प्रदेश (26.0
प्रतिशत) > बिहार (25.4 प्रतिशत)
। सर्वाधिक दशकीय वृद्धि दर वाले केंद्रशासित प्रदेशों का
क्रम (घटते क्रम में)- दादरा एवं नगर हवेली (55.9 प्रतिशत)
> दमन एवं दीव (53.8 प्रतिशत) >पुदुच्चेरी (28.1 प्रतिशत)
जनसंख्या घनत्व (Population Density)
प्रतिवर्ग किलोमीटर क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों की संख्या के
औसत को 'जनसंख्या घनत्व' कहते हैं।
वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर 17.72 प्रतिशत की दशकीय
वृद्धि के साथ भारत का जनसंख्या घनत्व 382 व्यक्ति/वर्ग किमी. है,
जो कि 2001 के जनघनत्व 325 से 57 अधिक है अर्थात् भूमि
एवं संसाधनों पर दबाव बढ़ा है।
राज्य स्तर पर जनसंख्या घनत्व में काफी भिन्नताएँ हैं। जनगणना-
2011 के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश में जहाँ जनघनत्व (न्यूनतम)
मात्र 17 व्यक्ति/वर्ग किमी. है, वहीं बिहार (अधिकतम) में यह
1,106 व्यक्ति/वर्ग किमी. है।
वर्ष 1901 में भारत का जनघनत्व मात्र 77 व्यक्ति /वर्ग किमी. था।
॥ जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से भारतीय राज्यों का क्रम ( घटते
क्रम में)- बिहार - 1,106 व्यक्ति/वर्ग किमी. > पश्चिम बंगाल
-1,028 व्यक्ति /वर्ग किमी. > केरल - 860 व्यक्ति/वर्ग किमी.
जनसंख्या घनत्व की दृष्टि से केंद्रशासित प्रदेशों का क्रम
(घटते क्रम में)- दिल्ली -11,320 व्यक्त/वर्ग किमी. >
चंडीगढ़-9,258 व्यक्ति/वर्ग किमी. > पुदुच्चेरी-2,547 व्यक्ति/

वर्ग किमी.


अन्य जानकारी