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Major plateaus of the world (विश्व के प्रमुख पठार)

 

Major plateaus of the world (विश्व के प्रमुख पठार)

  • ब्राजील के पठारदक्षिण अमेरिका के मध्य पूर्वी भाग में यह पठार स्थित है। इसका आकार त्रिभजाकार रूप में हैं।
  • तिब्बत का पठारयह पठार हिमालय के उत्तर और क्यूनलुन पर्वत के दक्षिण में 4000 से 5000 मीटर तक कि ऊँचाई पर स्थित हैं।
  • कोलंबिया का पठार यह पठार सयुंक्त राज्य अमेरिका के वाशिंगटन ,ऑरगन और इडाहो राज्यों के मध्य स्थित हैं। इसका क्षेत्रफल लगभग 4,62,500 वर्ग किमी हैं।
  • मैक्सिको का पठार : यह पठार पूर्वी सियारामाद्रे और पश्चिम सियारामाद्रे पर्वत श्रेणियों के मध्य स्थित हैं।
  • ग्रीनलैंड का पठारअन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर के उत्तरी भाग में लगभग 21,75600 वर्ग किमी क्षेत्रफल में हिम से ढका हुआ विशाल पठार हैं।
  • अलास्का का पठार : इस पठार का निर्माण युकन और उसकी सहायक नदी के द्वारा हुआ हैं। इसलिए इसे युकन का पठार भी कहा जाता हैं।
  • बोलिविया का पठार : यह पठार बोलिविया के एण्डीज पर्वतमाला में फैला हुआ हैं। यह पठार 800 किमी लम्बा और 128 किमी चौड़ा और इसकी ऊँचाई लगभग 3,110 मीटर है।
  • कोलोरेडो का पठार : यह पठार ग्रेट बेसिन में दक्षिण में स्थित है और इसका विस्तार एरीजोना व यूटाह राज्यों में हैं।
  • ग्रेट बेसिन का पठार : यह पठार कोलंबिया के दक्षिण में कोलोरेडो और कोलंबिया नदी के मध्य 5,25000 वर्ग किमी में फैला हैं।
  • अरब के पठार : यह पठार एशिया महाद्वीप के दक्षिण-पश्चिम में स्थित हैं। इसके पूर्व में फ़ारस की खाड़ी ,पश्चिम में लाल सागर , उत्तर-पश्चिम में भूमध्य सागर और दक्षिण में अरब सागर हैं।
  • ईरान का पठार : इस पठार को एशिया माइनर का पठार भी कहते हैं जिसकी ऊँचाई 900 से 1500 मीटर के बीच हैं।
  • टर्की का पठार : यह टर्की के एंटीक व टॉरस श्रेणियों के मध्य स्थित हैं। इसकी औसत ऊँचाई 800 मीटर है। इसे अनातोलिया का पठार भी कहते हैं।
  • दक्कन का पठार : यह पठार दक्षिण भारत मे स्थित है जो तीनों तरफ से पर्वत-श्रेणियों से घिरा हुआ हैं।
  • मेडागास्कर का पठारयह पठार मेडागास्कर द्वीप में स्थित है जो अफ्रीका के दक्षिणी-पूर्व हिन्द महासागर में स्थित हैं।
  • मेसेटा का पठारयह पठार स्पेन के आइबेरियन प्रायद्वीप पर मेसेटा का पठार स्थित हैं जिसकी औसत ऊँचाई 610 मीटर हैं।
  • ऑस्ट्रेलिया के पठारयह पठार ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के पश्चिमी भाग में स्थित हैं। इस पठार का दक्षिण भाग मरुस्थलीय हैं। इस पठार की औसत ऊँचाई 180 मीटर से 600 मीटर के मध्य है।
  • इंडो-चीन का पठारयह पठार दक्षिण एशिया के पूर्वी प्रायद्वीप में स्थित हैं। जहां से सिकांग,मीकांग,मीनाम सालविन आदि नदियाँ प्रवाहित होती हैं।

  • अन्य जानकारी


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    वायुमंडल किसे कहते है और उसके प्रकार ?|What is atmosphere and its types?

      वायुमंडल (Atmosphere)      पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत फैलाव को पृथ्‍वी का वायुमंडल (Earth atmosphere) कहते हैं. वायुमंडल की ऊपरी परत के अध्ययन को वायुविज्ञान (Aerology) और निचली परत के अध्ययन को ऋतु विज्ञान (Meterology) कहते हैं. आयतन के अनुसार वायुमंडल में 30 मील के अंदर विभिन्न गैसों का मिश्रण होता है जो इस प्रकार हैं- नाइट्रोजन 78.07 फीसदी, ऑक्सिजन 20.93 फीसदी, कॉर्बन डाईऑक्साइड .03 फीसदी और आर्गन .93 फीसदी. वायुमंडल में पाई जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण गैस 1. नाइट्रोजन:   इस गैस की प्रतिशत मात्रा सभी गैसों से अधिक हैं. नाइट्रोजन की उपस्थिति के कारण ही वायुदाब, पवनों की शक्ति और प्रकाश के परावर्तन का आभास होता है. इस गैस का कोई रंग, गंध या स्वाद नहीं होता. नाइट्रोजन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह वस्तुओं को तेजी से जलने से बचाती है. अगर वायुमंडल में नाइट्रोजन ना होती तो आग पर नियंत्रण रखना कठिन हो जाता. नाइट्रोजन से पेड़-पौधों में प्रोटीनों का निर्माण होता है, जो भोजन का मुख्य का अंग है. यह गैस वायुमंडल में 128 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली हुई है. 2. ऑक्सिजन-:   यह अन्य

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    अपवाह तंत्र (Drainage system)

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    ऊर्जा संसाधन (Energy Resources)

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    आपदा प्रबंधन (disaster Management)

     सामान्य परिचय (General Introduction) कम समय एवं बिना चेतावनी के घटित होने वाली अनापेक्षित प्राकृतिक या मानव जनित घटना या परिवर्तन जिससे संबंधित क्षेत्र के मनुष्य, पशु-पक्षी, प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक पर्यावरण दुष्प्रभावित हों, आपदा कहा जा सकता है। इन दुष्प्रभावों में मनुष्यों एवं पशु-पक्षियों की मौत, पेड़ - पौधों का विनाश, मानव निर्मित वातावरण, जैसे- इमारतें , सड़कें, पुल आदि की क्षति कम या ज़्यादा मात्रा में हो सकती है। सामान्यतया आपदाएँ प्राकृतिक कारणों से उत्पन्न होती हैं लेकिन मानव द्वारा प्रकृति में अवाछित हस्तक्षेप से अप्रत्यक्ष रूप से कुछ आपदाओं की तीव्रता एवं बारंबारता में वृद्धि देखी जा सकती है। कुछ आपदाएँ तो पूरी तरह मानव जनित होती हैं। प्राकृतिक आपदाओं को भी उनकी उत्पत्ति के प्रमुख कारकों के आधार पर निम्नलिखित तरीके से वर्गीकृत किया जाता है- भौमिक आपदाएँ-भूकंप, ज्वालामुखी, भूस्खलन इत्यादि जलीय आपदाएँ-बाढ़, सुनामी इत्यादि मौसम संबंधी आपदाएँ-सूखा, चक्रवात, बादल का फटना, हिम झंझावत, तड़ित झंझा (Thunderstorm), शीत लहर, पाला, लू इत्यादि नोट: द्वितीय प्रशासनिक सुधार आयोग की तीसरी र

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    विश्व के सर्वाधिक खनिज उत्पादक देश कौन कौन से है ? |Which are World's Most Mineral Producing Countries ?

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