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भारत की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार,Geographical location and extent of India

 

भारत की भौगोलिक स्थिति एवं विस्तार (Geographical location and extent of India)

भौगोलिक स्थिति

भारत पूर्णतया उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। भारत की मुख्य भूमि 804’ से 3706’ एवं 680 7’ से 970 25’ पूर्वी देशांतर के बीच फैली हुर्इ हैं।इस प्रकार भारत का अंक्षांशीय तथा देशांतरीय विस्तार लगभग 290 अंशों में हैं।

इसका विस्तार उत्तर से दक्षिण तक 3214 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम तक 2933 किमी. और समुद्री तट रेखा अंडमान निकोबार द्वीप समूह तथा लक्ष्यद्वीप समूह के साथ 7517 कि.मी. हैं।

कर्क रेखा भारत के लगभग मध्य भाग से गुजरती है। इसी प्रकार लगभग मध्य भाग से निकलने वाली 82030’ देशांतर रेखा का समय ही भारत का मानक समय निर्धारित किया गया र्है। यह रेखा उत्तर में मिर्जापुर एंव दक्षिण में चैन्नर्इ के निकट से गुजरती हैं।

भारत का कुल छेत्रफल :-3287263

भारत की कुल जनसंख्या :- भारत की जनसंख्या 1,359,843,564 करोड़ है। जिसमें से पुरुषों की कुल जनसंख्या 51.3% महिलाओं की कुल जनसंख्या 48.4 % है

भारत की चौहद्दी

भारत के पूर्व में बांग्लादेश और म्यान्मार देश स्थित हैं, जबकि पश्चिम में पाकिस्तान और अरब सागर है ! उत्तर-पूर्व में चीन, नेपाल व भूटान, और दक्षिण-पूर्व में इंडोनेशिया देश है !दक्षिण में श्रीलंका और दक्षिण पश्चिम में मालदीव देश है ! उत्तर पश्चिम में अफगानिस्तान देश स्थित है !

  • बांग्लादेश और म्यान्मार - पूर्व
  • पाकिस्तान - पश्चिम
  • चीन, नेपाल व भूटान - उत्तर-पूर्व
  • इंडोनेशिया - दक्षिण-पूर्व
  • श्रीलंका - दक्षिण
  • मालदीव - दक्षिण पश्चिम
  • अफगानिस्तान - उत्तर पश्चिम
  • बंगाल की खाड़ी - पूर्व
  • अरब सागर - पश्चिम
  • हिमालय पर्वत - उत्तर
  • हिन्द महासागर - दक्षिण
  • इतिहास और स्टेटोग्राफी के आधार पर भारत को कई भौगोलिक इकाइयों में बांटा जा सकता है।

    उत्तर के विशाल पर्वत

    भारत के उत्तर और उत्तरी क्षेत्र में हिमालय है जो देश को तिब्बत पठार से अलग करता है। हिमालय पर्वत श्रृंखला को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया हैरू

    पीर पंजाल रेंज: यह निचले हिमालय की सबसे लंबी श्रृंखला है और पूर्व.दक्षिणपूर्व से पश्चिम.उत्तर पश्चिम तक जाती है। ष्पीर पंजाल पासष् श्रीनगर के पश्चिम में है और इसमें बनिहाल दर्राए सिंथाल दर्राए रोहतांग लाए मुनावर दर्रा और हाजी पीर दर्रा शामिल हैं।

    लद्दाख रेंज: यह श्रृंखला लेह के उत्तरी ओर से तिब्बत सीमा तक जाती है। इसमें दिगर ला पास और खरदुंग ला पास शामिल हैं।

    जांस्कर रेंज: यह रेंज कश्मीर की दक्षिण.पूर्वी सीमा से शुरु होकर बाल्टिस्तान की पूर्वी सीमा तक फैली है। सिंगे ला पासए रुरंग ला पासए फोटू ला पासए मार्बल पास और जोंजी ला पास इस श्रृंखला में शामिल कुछ पास हैं।

    धौलाधार रेंज: यह रेंज भारत के मैदानों से मंडी के उत्तर और कांगड़ा तक जाती है। हनुमान जी का टीबा या व्हाइट माउंटेन इस रेंज की सबसे उंची चोटी है।

    पूर्वी काराकोरम रेंज: यह श्रृंखला भारत को मध्य एशिया से अलग करती है और यह एशिया की सबसे लंबी रेंज में से है। यहां दुनिया की दूसरी सबसे उंची चोटी के2 है।

    भारत गंगा मैदान

    भारत.गंगा मैदान को ग्रेट प्लेन भी कहा जाता है और यहां मुख्यतः तीन नदियां हैं . गंगाए सिंधु और ब्रह्मपुत्र। यह उत्तरी और पूर्वी भारत के करीब 7ए00ए000 वर्ग किलोमीटर इलाके को कवर करता है। मैदान को चार भागों में बांटा गया हैरू

    भाबर बेल्ट: हिमालय की तलहटी में स्थित यह एक संकरा बेल्ट है और इसमें कंकड़ और चट््टानें शामिल हैं जो झरनों के कारण नीचे आ गए हैं।

    तराई बेल्ट: यह भाबर क्षेत्र के दक्षिण में स्थित है और कई जलोढ़ से बना है।

    बांगड़ बेल्ट: इसमें पुरानी जलोड़ शामिल है और गंगा के मैदानी इलाकों में निचला अपलैंड है जो लेटराइट डिपोसिट से ढंका है।

    खादर बेल्ट: यह भाबर बेल्ट के निचली तरफ है और नई जलोढ़ से बना है जो इन मैदानी इलाकों में नदियों द्वारा लाई गई है।

    प्रायद्वीपीय पठार

    प्रायद्वीपीय पठार वो पठार है जिसकी विशेषताओं में उथली घाटियां और गोलाकार पहाडि़यां शामिल हैं। यह मोटे तौर पर तीन अलग अलग पठारों में बांटा गया है।

    डेक्कन पठार: यह त्रिकोणीय आकार का प्लेटू है जो विंध्य और पूर्वी और पश्चिमी घाटों से घिरा है। यह भारत के आठ राज्यों में फैला है जो कुल 1ण्9 मिलियन वर्ग किलोमीटर इलाके में फैला है।

    मालवा पठार: मालवा पठार गुजरातए राजस्थान और मध्य प्रदेश के भागों में फैला है। इस पठार में चंबल और उसकी सहायक नदियां बहती हैं और पश्चिमी क्षेत्र में माही नदी भी बहती है।

    छोटा नागप पठार : यह पूर्वी भारत में स्थित है और छोटा नागपुर पठार झारखंडए बिहारए ओडिशा और छत्तीसगढ़ के हिस्सों को कवर करता है।

    तटीय मैदान

    तटीय भारत पश्चिम में अरब सागर से पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक फैला है। पूर्वी तटीय मैदानए पूर्वी घाट और बंगाल की खाड़ी के बीच स्थित है। यह तमिलनाडु से पश्चिम बंगाल तक फैला है। इसमें बहने वाली नदियों में कृष्णाए कावेरीए गोदावरी और महानदी हैं। यह छह अलग अलग इलाकों में बंटा है . दक्षिणी आंध्र प्रदेशए कन्याकुमारी तटए महानदी डेल्टाए कोरोमंडल तट और रेतीले तट।

    पश्चिमी तटीय मैदान पश्चिमी घाट और अरब सागर के बीच स्थित है और उत्तर में गुजरात से लेकर महाराष्ट्रए गोवाए केरल और कर्नाटक के क्षेत्रों को कवर करता है। इस क्षेत्र में कई नदियां और बैकवाॅटर हैं। यह दो भागों में बंटा है . मालाबार तट और कोंकण।

    थार रेगिस्तान

    थार रेगिस्तान दुनिया के सबसे बड़े रेगिस्तानों में से एक है। यह गुजरातए हरियाणा और पंजाब में फैला है और राजस्थान के 60 प्रतिशत इलाके को कवर करता है। यह पाकिस्तान तक भी फैला है और वहां इसे चोलिस्तान रेगिस्तान के नाम से जाना जाता है। इस रेगिस्तान की एकमात्र नदी लूनी है और उसे भी बहुत कम बरसात मिलती है। इस रेगिस्तान का ज्यादातर इलाका चट्टानोंए रेत के टीलों और नमक की दबी झीलों वाला है। पूरी ताकत से उड़ती तेज हवाओं के कारण मिट्टी बार बार घटती है। यहां की जलवायु शुष्क है और वनस्पति बहुत कम है।

    द्वीप समूह

    भारत में दो प्रमुख द्वीप समूह हैं जो केंद्र शासित प्रदेश हैं . अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप द्वीप समूह। लक्षद्वीप अरब सागर में स्थित है और 32 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है। यहां कुल 35 द्वीप और टापू हैं। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह आकार में बड़ा है और इसमें 572 द्वीप शामिल हैं। अंडमान उत्तर में और निकोबार दक्षिण में स्थित है। भारत के अन्य प्रमुख द्वीपों में दमन और दीवए मंजूलीए साल्सेट द्वीप और श्रीहरिकोटा हैं।

    भारत की प्रमुख पर्वतमालारू

    हिमालय श्रृंखला : यह दुनिया की सबसे उंची पर्वतमाला है और दुनिया की सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट भी इसका एक हिस्सा है। यह मध्य एशिया से बहकर आने वाली कैटबेटिक हवाओं के प्रभाव से भारत की रक्षा करता है।

    पटकाई रेंज : पटकाई या पूर्वांचलए भारत.बर्मा सीमा के पूर्व में स्थित है। इसमें तीन पर्वतमालाएं शामिल हैं . मेघालय में गारो.खासी.जयंतियाए लुशाई पर्वत और पटकाई.बम।

    काराकोरम रेंज : यह जम्मू.कश्मीर के विवादित इलाकों में स्थित है और इसमें 60 से ज्यादा चोटियां शामिल हैं। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी चोटी के2 भी इस रेंज में शामिल है। इसके अलावा हिंदू कुश श्रृंखलाए सियाचिन और बियाफो ग्लेशियर इस रेंज का हिस्सा हैं।

    शिवालिक पहाडि़यां : शिवालिक का शाब्दिक अर्थ है ष्भारत की लटेंष्। यह अरुणाचल प्रदेश से पश्चिम बंगाल और उत्तराखंड से कश्मीर और हिमाचल प्रदेश तक फैला है। जम्मू.कश्मीर और वैष्णो देवी इस रेंज का हिस्सा हैं।

    विंध्य श्रृंखला : यह रेंज मध्य भारत में फैली है और कुल 1050 किलोमीटर के क्षेत्र में इसका फैलाव है। माना जाता है कि यह अरावली पर्वत से बनी है। मध्य भारत में इसकी भौगोलिक स्थिति के कारण यह उत्तरी और दक्षिणी भारत को अलग करती है।

    अरावली श्रृंखला : यह भारत की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला है जो राजस्थानए दिल्ली और हरियाणा के हिस्सों में फैली है। माउंट आबू में गुरु शिखर इस रेंज की सबसे उंची चोटी है जिसकी उंचाई 1722 मीटर है।

    सतपुड़ा श्रृंखला : यह श्रृंखला गुजरात से महाराष्ट्रए मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक फैली है।

    पश्चिमी और पूर्वी घाट : पश्चिमी घाट को सहयाद्री पर्वत के नाम से भी जाना जाता है और यह भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट के समानांतर चलता है। पूर्वी घाट पर्वतों की एक असतत् श्रृंखला है जो पूर्वी तट के साथ चलती है।

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      वायुमंडल (Atmosphere)      पृथ्वी को चारों ओर से घेरे हुए वायु के विस्तृत फैलाव को पृथ्‍वी का वायुमंडल (Earth atmosphere) कहते हैं. वायुमंडल की ऊपरी परत के अध्ययन को वायुविज्ञान (Aerology) और निचली परत के अध्ययन को ऋतु विज्ञान (Meterology) कहते हैं. आयतन के अनुसार वायुमंडल में 30 मील के अंदर विभिन्न गैसों का मिश्रण होता है जो इस प्रकार हैं- नाइट्रोजन 78.07 फीसदी, ऑक्सिजन 20.93 फीसदी, कॉर्बन डाईऑक्साइड .03 फीसदी और आर्गन .93 फीसदी. वायुमंडल में पाई जाने वाली कुछ महत्वपूर्ण गैस 1. नाइट्रोजन:   इस गैस की प्रतिशत मात्रा सभी गैसों से अधिक हैं. नाइट्रोजन की उपस्थिति के कारण ही वायुदाब, पवनों की शक्ति और प्रकाश के परावर्तन का आभास होता है. इस गैस का कोई रंग, गंध या स्वाद नहीं होता. नाइट्रोजन का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह वस्तुओं को तेजी से जलने से बचाती है. अगर वायुमंडल में नाइट्रोजन ना होती तो आग पर नियंत्रण रखना कठिन हो जाता. नाइट्रोजन से पेड़-पौधों में प्रोटीनों का निर्माण होता है, जो भोजन का मुख्य का अंग है. यह गैस वायुमंडल में 128 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैली हुई है. 2. ऑक्सिजन-:   यह अन्य

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      विश्व के सर्वाधिक खनिज उत्पादक देश (World's Most Mineral Producing Countries) खनिज उत्पादक देश लोहा चीन , आस्ट्रेलिया , ब्राजील तांबा चिली , पेरू , चीन मैंगनीज चीन , द. अफ्रीका , आस्ट्रेलिया बॉक्साइट ऑस्ट्रेलिया , ब्राजील , चीन सोना चीन , ऑस्ट्रेलिया , अमेरिका जस्ता (जिंक) चीन , आस्ट्रेलिया , पेरू हीरा रूस , बोत्सवाना , कांगो निकिल रूस , इंडोनेशिया , आस्ट्रेलिया चांदी मैक्सिको , पेरू , चीन सीसा (लेड) चीन , ऑस्ट्रेलिया , अमेरिका अभ्रक (माइका) चीन , अमेरिका , द. कोरिया ग्रेफाइट चीन , भारत , ब्रजील क्रोमाइट द. अफ्रीका , कजाखस्तान , भारत टंगस्टन चीन , रूस , बोलिविया कोबाल्ट कांगो , चीन

    स्थलमंडल किसे कहते है ? | What is a lithosphere?

      स्थलमंडल (Lithosphere)      स्थलमण्डल सम्पूर्णपृथ्वी के क्षेत्रफल का 29% है। पृथ्वी के अन्दर तीन मण्डल पाए जाते हैं। ऊपरी मण्डल को भूपर्पटी अथवा क्रस्ट कहा जाता है। इसकी मोटाई 30 से 100 किमी तक होती है। महाद्वीपों में इसकी मोटाई अधिक जबकि महासागरों में या तो क्रस्ट होती ही नहीं अगर होती है तो बहुत पतली होती है। क्रस्ट का ऊपरी भाग स्थलमण्डल का प्रतिनिधित्व करता है। जिन पदार्थों से क्रस्ट का निर्माण होता है वे जैव समुदाय के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। क्रस्ट का निर्माण मुख्यतः लोहा, ऑक्सीजन, सिलिकॉन, मैग्नीशियम, निकिल, गंधक, कैल्शियम तथा ऐलुमिनियम से होता है। क्रस्ट में एल्युमिनियम तथा सिलिका की मात्रा अधिक होती है। क्रस्ट के नीचे के दूसरे मण्डल को मैण्टिल कहा जाता है जिसकी निचली सीमा 2900 किमी से पृथ्वी के केन्द्र तक है। चट्टान पृथ्वी की सतह का निर्माण करने वाले पदार्थ चट्टानें या षैल कहलाते हैं। बनावट की प्रक्रिया के आधार पर चट्टानों को तीन भागों में विभाजित किया जाता है। आग्नेय चट्टान ये चट्टानें भी चट्टानों में सबसे ज्यादा (95%) मिलती है। इनका निर्माण ज्वालामुखी उद्गार के समय निकलने