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ऊर्जा संसाधन (Energy Resources)

 

सामान्य परिचय (General Introduction )
सूर्य पृथ्वी पर ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। सौर ऊर्जा ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पृथ्वी और उस पर रहने वाले जीवों को अपने कार्यों और क्रियाओं को संपादित करने में सहायता करती है।
किसी भी देश में ऊर्जा संसाधनों का विकास उस देश के औद्योगिक
विकास का सूचक होता है। अत: उच्च ऊर्जा उत्पादन और उसकी
उचित खपत को सुनिश्चित कर देश में आर्थिक पिछड़ेपन, कुपोषण
एवं अशिक्षा आदि समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
ऊर्जा संसाधन अर्थात् जिनका उपयोग ऊर्जा उत्पन्न करने के लिये
किया जाता है, जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस आदि।



 परंपरागत प्रयोग के आधार पर ऊर्जा संसाधनों को दो वर्गों में विभाजित
किया जा सकता है-
पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत
गैर-पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत
पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत (Sources of Conventional Energy)
ऊर्जा प्राप्ति के ऐसे स्रोत, जिसका उपयोग मानव पारंपरिक तौर पर
आरंभ से ही करता चला आ रहा है, जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, लकड़ी,
चारकोल, सूखा गोबर, खनिज तेल, प्राकृतिक गैस आदि। ऐसे स्रोतों को
पारंपरिक/परंपरागत ऊर्जा का स्रोत कहा जाता है।
गैर-पारंपरिक ऊर्जा के स्रोत
(Sources of Non-Conventional Energy)
ऊर्जा स्रोतों की मात्रा सीमित है, अत: नवाचारों के द्वारा कुछ ऐसे
ऊर्जा म्रोतों को विकसित किया गया है ( या किया जा रहा है) , जिनका
पारंपरिक रूप से उपयोग नहीं किया गया है। ऐसे ऊर्जा स्रोतों को
गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत कहा जाता है, जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा ,
ज्वारीय ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, बायोगैस, परमाणु ऊर्जा, शेल गैस आदि।
सतत् उपलब्धता के आधार पर भी ऊर्जा संसाधनों को दो वर्गों
में वर्गीकृत किया जा सकता है- (i) नवीकरणीय ऊर्जा (ii) अनवीकरणीय
ऊर्जा।
नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable Energy)
जब किसी ऊर्जा स्रोत का उपयोग पुन: या सतत् रूप से किया जा
सकता हो तो ऐसे स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा को, 'नवीकरणीय ऊर्जा' कहते
हैं, जैसे- सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, ज्वारीय ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा आदि।
 

अनवीकरणीय ऊर्जा (Non-Renewable Energy)
जब किसी ऊर्जा स्रोत का उपयोग दुबारा न किया जा सके तथा
उसकी उपलब्धता सीमित हो तो ऐसे स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा को
'अनवीकरणीय ऊर्जा' कहते हैं, जैसे- कोयला पेट्रोलियम, प्राकृतिक
गैस, शेल गैस, परमाणु ऊर्जा आदि।
कोयला (Coal)
मुख्यत: वनस्पतियों का कार्बनीकृत अवशेष होता है, जिसका
उपयोग प्रकाश एवं ऊर्जा प्राप्ति के लिये ईंधन के रूप में किया
जाता है। यह सामान्यत: हाइड्रोकार्बन से निर्मित एक ठोस संस्तरित
शैल होता है।
कोयला
यह ज्वलनशील खनिज जैव पदार्थों से मिलकर बना
जीवांशों में कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन फॉस्फोरस, र
पाया जाता है।


अन्य जानकारी